Latest:
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश

आधार जायज,मगर हर जगह थोपना वाजिब नहीं

Loading

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 4:1 के बहुमत से आधार को संवैधानिक मानते हुए सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए इसे आवश्यक मान लिया|हालांकि इसके संभावित दुरुपयोग को रोकने के लिए आधार कानून-2016 के सेक्शन 33(2),47 व54 को खारिज कर दिया|अन्य न्यायाधीशों से असहमति जताते हुए पीठ में शामिल जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अलग फैसला सुनाया|

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा,जस्टिस एएम खानविलकर की तरफ से पीठ की बहुमत का फैसला सुनाते हुए जस्टिस एके सीकरी ने कहा कि आधार से पहचान प्रमाणित करने की प्रक्रिया काफी सुरक्षित है|सिर्फ इसी के आधार पर किसी की निजता का हनन नहीं हो सकता है|

जस्टिस अशोक भूषण भी जस्टिस सीकरी से सहमत थे कि आधार की वजह से लाभार्थियों को सरकारी मदद मिलने से रोका गया हो|हालांकि उन्होने ज़ोर दिया कि आधार में दर्ज निजी सूचनाओं की सुरक्षा जरूरी है|