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माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश

एससी-एसटी पदोन्नति के लिए आंकड़े जुटाने की जरूरत नहीं

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए उनके पिछड़ेपन पर मात्रात्मक आंकड़े जुटाने कि जरूरत नहीं है|प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने केंद्र द्वारा अदालत के वर्ष 2006 में दिए गए फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए दाखिल याचिका पर यह बात कही|

शीर्ष कोर्ट ने नागराज फैसले पर पुनर्विचार से भी इंकार कर दिया|अब इसे 7 जजों की पीठ के पास नहीं भेजा जाएगा|पीठ ने स्पष्ट किया कि क्रीमी लेयर अवधारणा एससी-एसटी पर लागू हो सकती है लेकिन इसमें उनके समावेश या बाहर रखने पर फैसला संसद ही कर सकती है|