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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल

सुधारें परिक्रमा मार्ग की दशा

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बृज क्षेत्र के प्रमुख तीर्थ गोवर्धन व गिरिराज परिक्रमा क्षेत्र मेसड़क पार्किंग,सफाई व वन क्षेत्र मे अवैध निर्माण पर राजस्थान व उत्तरप्रदेश के अधिकारी 3 साल से एनजीटी की सुनवाई नहीं कर रहे है| तीन साल मे भी हालात नहीं सुधरने पर एनजीटी ने सचिव स्तर के अधिकारियों को तलब किया है|साथ ही राजस्थान सरकार को एक माह मे श्राइन बोर्ड जैसी संस्था बनाने के निर्देश दिये है| अधिकारियों की ढिलाई पर नाखुशी जाहिर करते हुए दोनों राज्यो के मुख्यमंत्रियो के सचिव व मुख्य सचिवो को आदेश भेजे है|एनजीटी के न्यायिक सदस्य रघुवेन्द्र एस.राठोड़ व विशेषज्ञ सदस्य डॉ.सत्यवान सिंह की पीठ ने गिरिराज परिक्रमा संरक्षण संस्थान, द्वारिकाधाम-राधिका धाम आवासीय कल्याण ट्रस्ट व अन्य के प्रार्थना पत्रो पर यह आदेश दिया है|

चेताया, तय होगी जवाबदेही

एनजीटी ने चेताया है कि हालात नहीं सुधरे तो मामला बेहद गंभीरता से लेकर अपनी निगरानी मे कार्य पूरा कराने के लिए अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी| सुधार संबंधी निर्देशों की पालना के लिए पर्यावरण,सार्वजनिक निर्माण विभाग,वन,शहरी विकास व पर्यटन विभाग को उच्च अधिकरियों की निगरानी टीम बनाने के निर्देश दिए है|

परिक्रमा क्षेत्र के लिए ये थी कमेटी की सिफ़ारिशे

मार्ग के घर व आश्रमो के सामने 10 मीटर चोड़ी सर्विस सड़क बनाई जाए|सर्विस रोड के आगे 20 साल की जरूरतों के मद्देनजर रिंग रोड बने| परिक्रमा मार्ग को अतिक्रमण मुक्त रखने के लिए निर्माण निषिद्ध क्षेत्र घोषीत किया जाए| क्षेत्र का सीवेज अपशिष्ट बिखरे नहीं,उसे एसटीपी तक पहुचाया जाए| खुले मे गंदगी फैलाने वालों को दंडित किया जाए| मानसी गंगा कुंड व राधा कुंड सहित पूरे मार्ग मे सीवेज नेटवर्क तैयार किया जाए|

ये निर्देश भी दिए

तीन सप्ताह मे 31 अतिक्रमण हटाए, बाकी के लिए त्वरित कार्यवाई करे| वन संरक्षण अधिनियम की पालना करते हुए अवैध पक्के निर्माण हटाए जाए पर पुराने मंदिर, समाधि स्थल आदि नहीं हटाए जाए|

नाराजगी का कारण

एनजीटी ने हाल ही दोनों राज्यो के अधिकारियों से नाराजगी भरे अंदाज मे कहा कि 4 अगस्त 2015 के आदेश की अब तक पूरी तरह पालना नहीं हुई है| मौके पर तैनात सबसे निचले अधिकारी से लेकर राजधानी मे बैठे प्रमुख सचिवो तक ने हाजिर होकर आदेश की पालना का पक्का भरोसा दिलाया लेकिन नतीजा अब तक सामने नहीं आया है|सरकार से परिक्रमा मार्ग को निर्माण निषिद्ध क्षेत्र घोषित करने के लिए अधिसूचना जारी करने को भी कहा गया लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला|परिक्रमा क्षेत्र के पास पार्किंग के लिए 6 जगह चिन्हित करना बताया लेकिन हकीकत मे उसकी जगह मात्र 0.25 से 0.30 हेक्टेयर ही है|

नहीं हटाए अधिकारी-कर्मचारी

सभी विभागो से एकादशी, पूर्णिमा व मुंडिया पूर्णिमा पर क्षेत्र मे कानून वयवस्था व हालात काबू मे बनाए रखने के लिए विशेष बंदोबस्त करने, वहाँ से  अधिकारियों व कर्मचारियों को अन्यत्र नहीं भेजने को भी कहा है| राजस्थान के पूर्व पुलिस महानिरीक्षक आनंद वी. शुक्ला से मौका रिपोर्ट तलब करते हुए उनसे 20 जुलाई को क्षेत्र मे जाने का आग्रह किया है| दोनों राज्यो से मिलकर उनकी सुरक्षा, यातायात व ठहरने की व्यवस्था करने को कहा है|