हर जिले में रेवेन्यू मामले में निस्तारण के लिए तीन-तीन असिस्टेंट कलेक्टर लगाएं
पूरे प्रदेश में पौने चार लाख से ज्यादा रेवेन्यू मामले व अपील पेंडिंग है,जबकि इन्हें निस्तारण करने के लिए 31 असिस्टेंट कलेक्टर के पद ही स्वीकृत है|48 फास्ट ट्रेक कोर्ट तथा 289 एसडीओ को असिस्टेंट कलेक्टर को पावर दिए गए हैं|इन सभी के पास कार्यकारी मजिस्ट्रेट व सब डीविजनल ऑफिसर के काम भी होने की वजह से पेंडेंसी बढ़ती जा रही है|राजस्व मामलों की पेंडेंसी को लेकर दायर एक जनहित याचिका को राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रदीप नंद्राजोग व जस्टिस डॉ.पीएस भाटी ने निस्तारित करते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया है,कि विधानसभा के परिणाम आने के दो सप्ताह बाद प्रत्येक जिले में तीन ऐसे असिस्टेंट कलेक्टर लगाए,जो विशेष रूप से रेवेन्यू मामले व अपील ही निर्णीत करेंगे|इसके अलावा उन्हें कार्यकारी मजिस्ट्रेट व सब डिविजनल ऑफिसर का काम नहीं सौंपा जाए|रेवेन्यू कोर्ट में लंबित मामले व इनकी सुनवाई करने वाले अधिकारियों के पास अन्य काम होने को लेकर याचिकाकर्ता मोतीसिंह की ओर से एक जनहित याचिका दायर की गई थी|
(साभार:दिनांक:02/10/2018 को दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबर)