जलस्त्रोत-वनक्षेत्र विकास और अवैध खनन रोकने को मिशन बनाएं सीएम
जयपुर॰ जलस्त्रोतों के पुनर्जीवन, वनों के विकास और अवैध खनन पर रोक को हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री से उनके मिशन में शामिल करने की अपेक्षा की है। जलस्त्रोतों के प्रवाह क्षेत्र में अतिक्रमण, अवैध खनन और प्रदूषण रोकने के लिए 2012 से अब तक दिये आदेशो की पालना नही होने पर कोर्ट ने नाखुशी जाहिर की है।
इन आदेशो की पालना के लिए आमजन को हाईकोर्ट आने की छूट दी है। वही सांगानेर व बालोतरा में उधोगों से निकलने वाले दूषित जल को रोकने के लिए प्रदूषण नियंत्रण मंडल से सख्त कार्यवाई करने को कहा है। न्यायाधीश मनीष भंडारी व न्यायाधीश बनवारीलाल शर्मा की खंडपीठ ने स्वप्रेरणा से 2011 में दर्ज याचिका पर सोमवार को यह आदेश दिया। कोर्ट ने 2012 के आदेश को पालना पर ज़ोर देते हुए कहा कि अतिक्रमण नहीं रोका गया तो अन्य जलस्त्रोतों का भी जयपुर के रामगढ़ बांध जैसा ही हाल होगा।
हाईकोर्ट ने प्रदेश में पेयजल समस्या पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जलस्त्रोतों में अवैध खनन के कारण सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। पानी की समस्या भी गंभीर हो रही है।