ऋषिकेश में एडवेंचर गेम्स पर बैन से बेरोजगार होंगे 3 लाख से अधिक लोग
उतराखंड हाइकोर्ट के 21 जून के एक फैसले से एडवेंचर गेम्स से जुड़े व्यवासियों के चेहरे पर शिकन आ गई है| प्रतिबंध दो हफ़्तों से आगे बढ़ा तो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से एडवेंचर गेम्स से जुड़े तकरीबन 3 लाख लोग बेरोजगार हो जाएंगे| इनमे से 15 से 20 हजार लोग तो प्रत्यक्ष रूप से एडवेंचर स्पोर्ट्स के रोजगार से जुड़े हुए हैं|
ऋषिकेश से मात्र 20 किमी की दूर शिवपुरी रिवर राफ्टिंग का सबसे बड़ा केंद्र हैं| जून और जुलाई के आरंभिक दिनो मे 5 से 8 हज़ार पर्यटक यहां रोज पहुँचते हैं| मार्च से लेकर जून तक पर्यटको की भीड़ लगी रहती है, लेकिन इस बार अलग है| गिनती के पर्यटक पहुंच रहे है| जो आ रहे हैं वो भी यह सुनते ही अगले स्थान की ओर बढ़ जाते हैं कि एडवेंचर गेम्स बंद हैं| हाल ही में उतराखंड हाइकोर्ट ने यहां रिवर राफ्टिंग, पेरा ग्लाइडिंग जैसे एडवेंचर गेम्स पर रोक लगा दी है| कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिये हैं कि इनके लिए पहले उचित कानून बनाए|
सुरक्षा के लिए पॉलिसी बनाएँ| याचिकाकर्ता हरिओम कश्यप ने भास्कर को बताया कि 2014 मे याचिका गंगा किनारे लगने वाले कैंप को लेकर लगाई थी| रिवर राफ्टिंग के नाम पर पर्यटको को गंगा के किनारे मांस-शराब परोसी जाती है| रिवर राफ्टिंग कंपनियां नाव मे पीने के पानी की बोतलें मुहैया करवाती है| इस्तेमाल के बाद उन्हें नदी मेँ ही फेंक दिया जाता है| इससे गंगा प्रदूषित हो रही है| करोड़ो लोगों की आस्था को भी चोट पहुंच रही है| कोर्ट ने कहा है कि पर्यटन के नाम पर अय्याशी बर्दाश्त नहीं है| ऋषिकेश जल पुलिस की एक टुकड़ी ने भास्कर को बताया कि यहां युवा पर्यटक दिन हो या शाम हो, कहीं भी गंगा किनारे उतरकर शराब वगैरह पीते है| उसी जोश मे नहाने उतर जाते है| इसमें जान जाने का खतरा रहता है| एक जवान ने बताया कि हर हफ्ते तकरीबन 3 से 4 लोगों की मौत होती है|
एक डेड बॉडी रिकवर करने मे 5 से 6 दिन का समय लग जाता है| रिवर राफ्टिंग से जुड़े कल्याण सिंह कहते है कि सरकार पर्यटको को सुविधा नहीं दे रही है| रिवर राफ्टिंग के लिए ड्रेस चेंज करनी होती है| लेकिन सरकार की तरफ से कोई सुविधा नहीं दी जा रही है|