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माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश

एससी-एसटी एक्ट में बदलाव को चुनौती, केंद्र से जवाब मांगा

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एससी-एसती एक्ट में तुरंत गिरफ्तारी जैसे प्रावधान बहाल करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए गए संशोधनों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है | कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा | केंद्र को छ्ह हफ्ते में जवाबी हलफनामा दायर करना होगा | जस्टिस एके सिकरी और अशोक भूषण की बेंच ने कहा कि केंद्र का पक्ष जाने बिना इस कानून पर रोक नहीं लगा सकते | वकील प्र्थ्विराज चौहान , प्रिया शर्मा और एक एनजीओ ने याचिकाए दायर की हैं | इनमें कहा गया है कि तत्काल एफआईआर , तुरंत गिरफ्तारी और अग्रिम जमानत नहीं देने के प्रावधान बहाल करने वाला संसोधन समानता , जीवन और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है |

ये आदेश थे सुप्रीम कोर्ट के

एससी-एसटी एक्ट के दुरुप्रयोग पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को तत्काल एफआईआर, तुरंत गिरफ्तारी और अग्रिम जमानत नहीं देने के प्रावधानों पर रोक लगा दी थी | कोर्ट ने कहा था कि जांच के बाद ही एफआईआर होनी चाहिए | गिरफ्तारी भी एसएसपी या सक्षम अधिकारी की मंजूरी से ही होगी | कोर्ट ने अग्रिम जमानत का रास्ता भी खोल दिया था |

सरकार ने ये बदलाव किया

इसे कानून कमजोर करने का फैसला बताते हुए एससी संगठनों ने विरोध प्रदशन किए | राजनीतिक दवाब में सरकार में मानसून सत्र में कानून में संशोधन कर पहले वाले प्रावधान फिर बहाल करवा दिए थे | अब प्रावधान को बहाल करने वाले सरकार के संशोधन को समानता , जीवन और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई है |

( साभार : दैनिक भास्कर में दिनांक 08-09-2018 को प्रकाशित खबर )