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माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश

कानून के अनुसार पदोन्नति देने पर कोई रोक नहीं

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सुप्रीम कोर्ट ने पदोन्नति मे आरक्षण को लेकर स्पष्ट किया है कि केन्द्रीय कर्मियों को नियमानुसार पदोन्नति देने पर कोई रोक नहीं है| कोर्ट ने 17 मई के आरक्षित वर्ग को उसकी श्रेणी मे और अनारक्षित वर्ग को अनारक्षित कोटे मे पदोन्नति देने के अपने आदेशको लेकर यह स्पष्ट किया|
कोर्ट ने कहा कि जब तक सविधान पीठ पदोन्नति मे आरक्षण मसले पर फैसला नहीं कर लेती, तब तक सरकार इस आदेश के तहत पदोन्नति कर सकती है|
जस्टिस एके गोयल और जस्टिस अशोक भूषन कि बेंच ने मंगलवार को यह आदेश दिया|
एडिशनल सोलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह ने कहा, पदोन्नति देना सरकार कि जिम्मेदारी
है|पदोन्नति मे आरक्षण को लेकर विभिन्न हाइकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के आदेश से कई
विभागो मे पदोन्नति रुक गयी है|

क्या है मामला
केंद्र सरकार ने दिल्ली हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ 14,000 रिक्तियों का हवाला देते हुए
अवकाशकालीन पीठ के समक्ष तुरंत सुनवाई कि मांग कि थी|

एससी/एसटी:डेटा नहीं
नागराज मामले मे सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बिना जरूरी आंकड़ो के एससी/एसटी को पदोन्नति मे आरक्षण नहीं दिया जा सकता है| इसके लिए डेटा देना होगा|

2 फैसले जिनसे जुड़ा है मामला

2017:दिल्ली हाइकोर्ट

दिल्ली हाइकोर्ट ने 16 नवम्बर 1992 से 5 साल के बाद आरक्षण की वयवस्था करने वाले आदेश को खारिज कार दिया था |अगस्त 1997 मे  इस संबंध मे कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा जारी सरकारी आदेश को कोर्ट ने निरस्त किया था|

यह था आदेश

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार 1997 तक प्रमोशन मे पांच साल तक आरक्षण की व्यवस्था लागू थी | अगस्त 1997 मे केंद्र ने नई अधिसूचना जारी कर इसे पूरे सेवाकाल तक बढ़ा दिया था|

2006: एम नागराज मामला 

15 नवम्बर 2017 को सुप्रीम कोर्ट के तीन जजो की बेंच इस बात पर सहमत हुई थी कि 11 साल पुराने एम नागराज केस पर दोबारा विचार किया जाए | इसके बाद  प्रमोशन से जुड़े मामलो को सुनवाई के लिए संवैधानिक बेंच के पास भेजने का फैसला लिया गया|

यह था फैसला

एम.नागराज मामले मे सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर आरक्षण देना बेहद जरूरी हो है, तो ध्यान रखना होगा कि यह 50 फीसदी कि सीमा से ज्यादा न हो,क्रीमी लेयर पर फैसले को ध्यान मे रखे|

सरकार पर उठे थे सवाल …. विपक्ष प्रमोशन मे आरक्षण के मसले पर सरकार  की     मंशा पर सवाल उठता रहा है |कहा गया कि सरकार की  तरफ से  कोर्ट  मे   मजबूती  से  पक्ष न रखने से प्रमोशन मे आरक्षण नहीं मिल रहा|