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माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश

ताजमहल को बचाए या फिर ध्वस्त करे !

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उत्तरप्रदेश सरकार और पुरातत्व विभाग को भी चिंता नहीं दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताजमहल के रखरखाव में  लापरवाही पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई हैं |एक याचिका की सुनवाई करते हुए  मदन बी लोकुर और जस्टिस  दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा, ताज के प्रति केंद्र सरकार उतरप्रदेश सरकार और पुरातत्व विभाग का रवैया बेहद लचर और सुस्त हैं | कोर्ट ने कहा, इस वैश्विकधरोहर को बचाने की किसी की इच्छा नजर नहीं आती | आप लोग ताज को लेकर गंभीर नहीं है और न आपको इसकी परवाह है | शीर्ष कोर्ट ने तल्ख लहजे में कहा, सरकार या तो ताज को संरक्षण दे या बंद कर दे या फिर ध्वस्त कर दे |

पीठ ने कहा, पेरिस का एफिल टावर एक टीवी टावर जेसा दिखता है, फिर भी इसे देखने हर साल 8 करोड़ लोग आते हैं| जबकि ताज एफिल टावर से ज्यादा खूबसूरत है लेकिन इसे देखने भारत में सालाना एक करोड़ लोग ही आते है | आप पर्यटकों कों लेकर गंभीर नहीं है | यह देश का नुकसान है, ताज के प्रति उदासीनता है | कोर्ट ने कहा, अगर ध्यान रखा जाता तो हमारी विदेशी मुद्रा की दिक्कत  दूर हो जाती | कोर्ट 31 जुलाई से रोजाना सुनवाई करेगा | गौरतलब की कि नौ मई कों भी ताज का रंग बदलने कों लेकर पुरातत्व विभाग द्वारा काई और गंदी जुराबों कों जिम्मेदार ठहराने पर कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा था कि क्या ताज पर काई उड़कर जमा हो रही है ?

केंद्र ने कहा, चार माह में आएगी रिपोर्ट : केंद्र ने कहा कि एक समिति का गठन किया गया है, जो यह देखेगी कि ताज कितना और किन वजहों से प्र्दूषित हुआ है |समिति ताजमहल के आस-पास इलाक़ो का भी मुआवना करेगी | इसकी रिपोर्ट 4 महीने में आ जाएगी इसके बाद तय होगा कि क्या विदेश विशेषज्ञ कों समिति में शामिल करने कि जरूरत है या नहीं |