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माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश

भीड़ ने आरोपियों की थाने में की पिटाई , हाईकोर्ट ने मौब लिंचिंग माना

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हाईकोर्ट ने 13 साल पहले गाय चोरी के आरोपियों की थाने में भीड़ द्वारा पिटाई करने को मौब लिंचिंग का मामला माना है , साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों की सजा को कम बताते हुए डीजीपी को नोटिस जारी किया है | न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह अंतरिम निर्देश पुलिसकर्मी श्रीकिशन , पगडीराम मीणा व गील्याराम की याचिका पर दिया | इन्हें दोषी मानते हुए विभाग ने एक वेतनवर्दी रोकी थी | तीनों इसी आदेश को रद्द कराने कोर्ट पहुंचे थे | उन्होने याचिका वापस लेने की अनुमति भी मांगी , कोर्ट ने नहीं दी |

पुलिसकर्मी वेतनवृद्धि रोकने के खिलाफ कोर्ट पहुंचे थे

याचिका में तीनों पुलिस कर्मियों ने कहा कि वे वर्ष 2005 में दौसा के पचवाड़ा थाने में 7 सितंबर 2005 को गाय चोरी के दो आरोपियों को बिना एफआईआर दर्ज किए बिठाए रखा गया | ग्रामीणों ने दोनों की पिटाई कर दी | दुराचरण का अरोप लगाते हुए तीनों पुलिसकर्मियों की एक         वेतनवृद्धि रोक दी गई थी | तीनों ने इसी को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी |

कोर्ट ने कहा-सजा कम है , डीजीपी जवाब दें

कोर्ट ने कहा कि पुलिसकर्मियों को दंड देने में उदारता बरती गई है | इसलिए डीजीपी बताएं कि दोषी पोलिसकर्मियों के खिलाफ गंभीर अपराध होने पर भी दंड को बढ़ाया क्यों नहीं गया ?