लोगों को बेघर नहीं छोड़ सकते
रैन बसेरों के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लोगों को बेघर नहीं छोड़ा जा सकता | जाड़े का मौसम आने वाला है ,घर हर किसी की बुनियादी जरूरत है | कोर्ट ने शहरी आवास मंत्रालय की दलीलों को नाकाफी बताया |
जस्टिस मदन बी. लोकुर की अध्यक्षता वाली बैंच ने 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की इस बात के लिए आलोचना की कि उन्होने शहरों में बेघरों कि मदद ले लिए सिविल सोसायटी के सदस्यों का नाम नोटिफ़ाइ नहीं किया | कोर्ट ने इन राज्यों पर एक लाख से पांच लाख रुपए तक का जुर्माना भी लगाया गया | जिन 9 राज्यों पर एक-एक लाख रुपए जुर्माना लगाया गया , उनमें केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ , हिमाचलप्रदेश , झारखंड , मणिपुर , गोवा , मिजोरम मेघालय , ओडिशा और त्रिपुरा शामिल हैं | कोर्ट ने हरियाणा पर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है | केरल और उत्तराखंड सरकार पर इसलिए जुर्माना नहीं लगाया कि ये राज्य प्राकृतिक आपदा के शिकार हैं | कोर्ट ने इन राज्यों को 3 सप्ताह में जुर्माना भरने का आदेश दिया | कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार ने आवास के लिए नीति बनाई है तो सभी को लागू करनी चाहिए | सभी राज्य व केंद्रशासित प्रदेश इस संबंध में 2 सप्ताह में नोटीफिकेशन जारी करें |
एक याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि कमेटी में शामिल सरकारी अफसर बैठेकों में मुख्य सचिव तक नहीं आते | कोर्ट ने निर्देश दिया कि अधिकारी बैठको मे शामिल हों | सुप्रीम कोर्ट इससे पहले भी राज्यों को फटकार चुका हैं |
पहले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि ये वे लोग नहीं है जो अपनी इच्छा से गरीब हैं , घर नहीं चाहते , सरकार को उनकी मदद करनी चाहिए | लोगों को जरूरत है |
( साभार : राजस्थान पत्रिका में दिनांक 08-09-2018 को प्रकाशित खबर )