स्टे से 6 माह से ज्यादा नहीं रुकेगी कार्यवाही
प्रदेश मे अब आपराधिक या सिविल मामलो मे किसी अदालत दवारा ट्रायल पर दिया स्टे छह माह तक की वेध रहेगा | यदि स्टे जारी रखना है तो कोर्ट को 6 माह के भीतर पुनः आदेश देना होगा ओर स्टे जारी रखने का कारण स्प्ष्ठ करना होगा | हाईकोर्ट ने 28 सितंबर से इस आदेश की पालना के लिए प्रदेश सभी अधीनस्थ अदालतो को निर्देश जारी किए है |
हाईकोर्ट प्रशासन ने पिछले दिनो इन निर्देशों के बारे मे प्रदेश की सभी अधीनस्थ अदालतों को जानकारी भेजी है | इसमे 28 मार्च के सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का हवाला दिया है , जिसमे किसी भी अदालत द्वारा ट्रायल पर छह माह से अधिक रोक लगाने पर पाबन्धि लगा दी है | सुप्रीमकोर्ट ने सभी अधीनस्थ अदालतो से कहा है की किसी हाई कोर्ट ने छ महा से अधिक समय पहले अदालाती कार्यवाही को रोकने का आदेश दिया है तो वह उसी परिस्थिति मे जारी रह सकेगा, जब स्टे आदेश की समयसीमा कोर्ट से पुनः बढ़ा दी हो | हाईकोर्ट ने सभी अधीनस्थ अदालतों को 28 सितंबर से इस निर्देश की पालना शुरू करने कहा है | पांच अक्टूबर तक पालना रिपोर्ट मांगी है |