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मिशन मास्टर प्लान

बिना भूखंड का पुनर्विभाजन करवाए,बिना सेटबेक नियमों की पालना के आवासीय भूखंड संख्या 54-55 महाराणा प्रताप नगर पर बन रहे तीन अवैध मकानों का मामला!!विवादित भूखंड का नाप बना रहस्य!!!

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हमारे द्वारा उठाए गए इस मामले ने जब तूल पकड़ा और उड़ते उड़ते यह खबर, इस भूखंड को बेचने वाले विक्रेता के कानों तक पहुंची तो इस भूखंड का वास्तविक नाप एक रहस्य बन कर सामने आया|इस मामले मे भूखंड को विक्रय करने वाली विक्रेता श्रीमति सुमन कंवर के पुत्र श्री धीरेन्द्र सिंह द्वारा इस रहस्य से पर्दा उठाते हुए,बताया गया कि उनके स्वर्गीय पिता श्री वीरेंद्र सिंह द्वारा इस भूखंड को वर्ष 2015 मे उनकी माताजी के नाम से क्रय किया गया था,लेकिन पिता की असमय मृत्यु के बाद उन्हे यह भूखंड औने-पौने दामों मे बेचना पड़ा|उनसे जब औने पौने दामों मे बेचने का कारण पूछा गया तो उनके द्वारा बताया गया कि जब उनके द्वारा इस भूखंड को बेचा गया था तो क्रेता श्री अजय कुमावत और उनके पिता श्री श्रवण कुमावत द्वारा बताया गया कि मौके पर उक्त भूखंड का वास्तविक नाप 408 वर्ग गज ना होकर महज 354 वर्ग गज ही है अतः वह मात्र 354 वर्ग गज का ही भुगतान करेंगे|क्रेता की दलीलों पर यकीन कर उनके द्वारा इस भूखंड के बेचान के पेटे एक नंबर और दो नंबर मे महज 354 वर्ग गज का ही भुगतान प्राप्त किया गया है|लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि बिल्डर द्वारा इस भूखंड के बेचान की रजिस्ट्री मे 408 वर्ग गज इन्द्राज करवाया गया है|

 

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