पार्क बच्चो के खेलने के लिए हैं, योग की अलग व्यवस्था करो
पार्क मे अब मंदिर के नाम पर होने वाले स्थायी या अस्थायी निर्माण को भी अतिक्रमण माना जाएगा, चाहे वह जेडीए, जयपुर नगर निगम या किसी समिति के ही कब्जे मे क्यों न हो? हाइकोर्ट ने कहा है कि पार्क केवल हरियाली, बच्चो के मस्ती करने,बुजुर्गो के मनोरंजन करने और लोगों के घूमने के लिए हैं, योग को जगह चाहिए तो जेडीए उसके लिए अलग योजना बनाएं|
कोर्ट ने पार्कों मे निर्माण पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि पार्क मैदान के रूप मे शुद्ध हवा का स्त्रोत हैं, इनमे केवल फाउंटेन, ग्रेवल सड़क, वॉक वे या फिसलपट्टी ही बनाई जा सकती हैं|अन्य निर्माण की अनुमति नहीं हैं|चाहे निर्माण स्थायी, अस्थायी या अर्द्धस्थायी ही क्यों न हों? यदि कोई दूसरा निर्माण किया जाता है, तो वह प्रवत्ति हतोत्साहित की जानी चाहिए| ये जनता के धन की बर्बादी हैं| न्यायधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने जयपुर के अजमेर रोड स्थित मोदी नगर कल्याण एवं विकास समिति की याचिका मंजूर करते हुए यह आदेश दिया|
मंत्री से 10 लाख लेकर योगस्थल बना रहे थे
मोदी नगर विकास समिति की ओर से अधिवक्ता सतीश खांडल ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि पार्क मे योग स्थल विकसित करने दिया जाए| इसके लिए मंत्री के कोष से 10 लाख रूपए लिए गए थे| योग गतिविधियो को बढ़ावा देने के लिए यह निर्माण कराया जा रहा था|
निर्माण रुकवाने के लिए याचिका
मोदी नगर कल्याण एवं विकास समिति की ओर से याचिका दायर कर बताया, अजमेर रोड स्थित मोदी नगर के पार्क मे टीन शेड लगा रहे हैं| प्रार्थीपक्ष के वकील संदीप पाठक ने कोर्ट को बताया कि पार्क मे बच्चो के लिए मैदान मे खंभे लगा दिए, पीडबल्यूडी निर्माण करा रहा हैं|
शहरों के फेफड़े हैं पार्क, इन्हे बचाएं
पार्क शहरों के लिए फेफड़े माने जाते हैं, इनमे धीरे-धीरे निर्माण होते जा रहे हैं| सेंट्रल पार्क मे धार्मिक स्थल और अस्तबल सहित कई निर्माण हो रहे हैं| सांसद कोष, विधायक कोष या मंत्री के कोष से पार्क मे निर्माण करना बिलकुल गलत है| शुद्ध हवा के लिए शहरो मे पार्क ही तो बचे हैं? उनको बचाए रखना बेहद जरूरी है|