सात वर्ष से कम सजा में बिना नोटिस गिरफ्तारी नहीं
एससी-एसटी अधिनियम में दर्ज एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक अहम फैसला सुनाया | हाईकोर्ट ने कहा , एससी-एसटी एक्ट या फिर अन्य कानून , जिसमें अपराध सात वर्ष से कम सजा के योग्य हो , उनमें बिना नोटिस गिरफ्तारी नहीं की जा सकती |
सोमवार को जस्टिस अजय लांबा व संजय हरकौली की खंडपीठ ने 19 अगस्त 2018 को दर्ज एफआइआर रद्द करने की याचिका पर सुनवाई की | कोर्ट ने शीर्ष कोर्ट के 2014 के एक फैसले का हवाला देते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी पर नाराजगी जताई | हाईकोर्ट ने कहा , सात साल से कम सजा के मामलों में आरोपी को गिरफ्तारी से पहले नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया जाए | नोटिस की शर्तो का पालन करने पर आरोपी को जांच के दौरान गिरफ्तार नहीं किया जाए |
अरनेश कुमार बनाम बिहार राज्य के केस में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था , यदि किसी के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में अपराध की अधिकतम सजा सात साल तक है , तो ऐसे मामले में सीआरपीसी 41 और 41ए के प्रावधानों का पालन किया जाएगा |
( साभार : राजस्थान पत्रिका में दिनांक 13-09-2018 को प्रकाशित खबर )