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शराब माफिया के विरुद्ध आम जन

जिला आबकारी अधिकारी(जयपुर शहर) का दावा “महारानियों की छतरियाँ” और जैन समुदाय की नसीया धार्मिक/पूज्य स्थल नहीं!!! इसलिए नहीं हटेगी इनके 200 मीटर दायरे मे चल रही शराब की दुकान!!!”गब्बर वाईन्स”

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राजस्थान धार्मिक भवन व स्थल 1954 से स्पष्ट है कि किसी भी धार्मिक छतरी को धार्मिक भवन/स्थल के रूप मे माना जाएगा| लेकिन इसके बावजूद जिला आबकारी अधिकारी,जयपुर-शहर इस बात को मानने को तैयार नहीं है कि  महारानियों की छतरी का धार्मिक स्थल/भवन के रूप मे कोई वजूद है और अपने कुतर्को का हवाला देकर,इस धार्मिक/पुजा स्थल के 100 मीटर से भी कम दायरे मे स्थित लाईसेन्सी तुषार चौधरी के नाम से शहर के एक रसुखदार शराब ठेकेदार की शराब की दुकान “गब्बर वाईन्स” को हटाने से इंकार कर रहे है|

आबकारी विभाग के इतिहास मे यह पहली बार हो रहा है कि संबन्धित आबकारी निरीक्षक अपने आला अधिकारियों पर हावी हो रहे है|आबकारी विभाग मे संबन्धित आबकारी निरीक्षकों द्वारा ही नियमों मे हेर-फेर से अस्पतालो,स्कूलो, धार्मिक स्थलो के पास शराब की दुकानों की लोकेशन पास करने का जबरदस्त खेल खेला जा रहा है और इस पूरे खेल मे जिला आबकारी अधिकारी द्वारा  आबकारी निरीक्षकों को मौन स्वीकृति प्रदान की जा रही है|इस मामले मे भी स्पष्ट कानूनी परिभाषाओ के बावजूद संबन्धित आबकारी निरीक्षक द्वारा अपने आला अधिकारियों को हिन्दी का पाठ पढ़ा कर,मंदिर-छतरी शब्द की विवेचना की जा रही है और जिला आबकारी अधिकारी,जयपुर शहर द्वारा उस पर आँख मींच कर,मोहर लगाई जा रही है|

 

 

 

 

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