rajapark bachao abhiyan “जाने भी दो यारों” फिल्म के 40 साल!!!40 साल पहले भ्रष्ट बिल्डरों,सरकारी अधिकारियों,राजनेताओ और मीडिया जगत की करतूतों का बयां करती यह कालजयी रचना आज के समय मे और भी प्रासंगिक!! March 16, 2023 Gyanesh Kumar हिंदी की ‘कल्ट क्लासिक’ फिल्म ‘जाने भी दो यारो’ का यह चालीसवां साल है. हिंदी सिनेमा के इतिहास में हास्य को लेकर अनेक फिल्में बनी, मगर ‘जाने भी दो यारो’ जैसी कोई नहीं. जाने भी दो यारो’ फिल्म दो संघर्षशील, ईमानदार फोटोग्राफर विनोद और सुधीर की कहानी है, जो एक बिल्डर के भ्रष्टाचार को पर्दाफाश करते हैं. ‘हम होंगे कामयाब’ के विश्वास के साथ जैसे-जैसे वे आगे बढ़ते हैं, हम एक ऐसा समाज देखते हैं जिसमें सब कुछ काला है. बिल्डर-कांट्रेक्टर, म्युनिसिपल कमिश्नर और मीडिया के गठजोड़ को फिल्म में बखूबी दर्शाया गया है. डार्क ह्यूमर श्रेणी की इस फिल्म का केंद्रीय बिंदु है: पावर ब्रोकर्स, पावर सेंटर्स का गठजोड़ और मीडिया से उनकी मिलीभगत. यह फिल्म इसलिए भी खास मानी जाती है कि, यह सिस्टम को परत-दर-परत खोलती चली जाती है. निर्देशक कुंदन शाह ने सुधीर मिश्रा के साथ मिलकर फ़िल्म की कहानी भी ख़ुद ही लिखी थी. कुंदन शाह ने इस फ़िल्म के ज़रिए सिस्टम में फ़ैले करप्शन को आम जनता के बीच लाने की शानदार कोशिश की थी. इसके डायलॉग एक्टर-निर्देशक सतीश कौशिक ने लिखे थे|