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rti के संबंध में राज्य सूचना आयोग के निर्णय

एक ही सूचना बार-बार मांगना आरटीआई का दुरुपयोग

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राजस्थान सूचना आयोग ने बिना किसी जनहित के बार-बार अनेक आवेदन लगा कर एक ही सूचना मांगने को सूचना का अधिकार अधिनियम का दुरुपयोग माना है|आयोग ने आठ अपीलें एक साथ खारिज करते हुए अपीलार्थी को चेतावनी दी है कि वह आरटीआई एक्ट के दुरुपयोग की प्रवृति से बचें|

सूचना आयुक्त आशुतोष शर्मा ने अपने फैसले में कहा कि संसद ने आरटीआई के रूप में आम जनता के हाथ में एक पवित्र अस्त्र दिया है जिससे शासन-प्रशासन में पारदर्शिता व जवाबदेही की भावना बढ़ी है|मगर शासन-प्रशासन के काम-काज को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने के लिए ऐसे पवित्र अस्त्र केदुरुपयोग की इजाजत नहीं दी जा सकती|ऐसा कृत्य आरटीआई एक्ट के दुरुपयोग कीश्रेणी में आता है|

गोपीराम अग्रवाल ने स्वायत शासन निदेशालय एवं मुख्य नगर नियोजक के परिपत्रों की पालना के बारे में बांसवाड़ा नगर परिषद से सूचनाएँ चाही थी|नगर परिषद की ओर से आयोग के समक्ष कहा गया कि अग्रवाल ने परिषद में 1502 आरटीआई आवेदन दाखिल कर रखे हैं,जिससे अधिकारी दबाव में हैं और नगर परिषद का सामान्य कामकाज प्रभावित हो रहा है|अपीलार्थी सिर्फ तारीख बदल कर थोड़े-थोड़े दिन के अंतराल में हूबहू आवेदन पेश करता है फिर भी अपीलार्थी को सूचनाएं दी जा रही है|आवेदक को आरटीआई एक्ट के दुरुपयोग से रोका जाए|इस पर सूचना आयुक्त ने अग्रवाल की 8 दिवितिय अपीलें खारिज कर दी|