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लोकयुक्त और भ्रष्टाचार के प्रकरण

पदीय भ्रष्टाचार पर एसीबी के’दरवाजे बंद’

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किसी अफसर ने पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार किया है और अब आप उसकी शिकायत लेकर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जाएंगे तो निराशा ही हाथ लगेगी|ब्यूरो ने अब भ्रष्टाचार के ऐसे मामलों में परिवाद दर्ज करना बंद कर दिया है|ऐसी किसी शिकायत की ब्यूरो अब जांच भी नहीं करेगा|हालांकि सीधे तौर पर काम करने के बदले रिश्वत मांगने वालों के खिलाफ एसीबी की ट्रेप की कार्रवाई जारी है|एसीबी ने 26 जुलाई 2018 से केन्द्र सरकार के नए कानून’प्रिवेंशन ऑफ करप्शन आमेंटमेंट एक्ट 2018’के मुताबिक कामकाज शुरू कर दिया है|

इसके तहत एसीबी में शिकायत लेकर आने वाले लोगों को या तो सीधे संबंधित विभाग के पास भेजा जा रहा है या तो मामले की गंभीरता को देखते हुए एसीबी पीड़ित से शिकायत लेकर संबंधित विभाग को भेज रही है|एसीबी शिकायत के साथ अपने पत्र में यह भी लिख रही है कि आपके विभाग के इस अधिकारी और कर्मचारी कि शिकायत मिली है,विभाग अपने स्तर पर इसकी जांच करवाए|विभाग जांच करवाने में सक्षम नहीं है तो एसीबी की मदद ले सकता है|