Latest:
लोकयुक्त और भ्रष्टाचार के प्रकरण

लोकायुक्त ने माथुर आयोग के मामलों की फाइनल रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी

Loading

पिछली भाजपा सरकार के 2004 से 2008 के बीच नगर निगम,जेडीए से लेकर सचिवालय तक भू-उपयोग परिवर्तन, भू-आवंटन और धारा 90 बी के तहत भ्रष्टाचार, अनियमितता, पद के दुरूपयोग के मामलों से जुड़ी  फाइनल रिपोर्ट लोकायुक्त एसएस कोठारी ने राज्यपाल कल्याण सिंह को रिपोर्ट सौंप दी है| माथुर आयोग से प्राप्त प्रकरणों की जांच 757 पेज में तैयार की गई है| दोषी मिले 25 लोकसेवकों पर पहले ही कार्यवाही हो चुकी है| हाईकोर्ट के आदेश पर माथुर आयोग के 1828 मामले लोकायुक्त को नए सिरे से जांच के लिए दिए गए थे|

गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार में 2009 में जस्टिस एनएन माथुर की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया गया था| इसके खिलाफ हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी| इस पर कोर्ट ने आयोग के समस्त प्रकरण नए सिरे से जांच कराने के लिए लोकायुक्त को सौंपे थे| जांच में 27 प्रकरण कानून व नियमों के विरुद्ध पाए गए थे| इन मामलों में पुलिस अथवा सक्षम न्यायालय में कार्यवाही शुरू की गई है| वही 13 मामलों की जांच में लोकसेवकों द्वारा कर्तव्य निर्वहन में पद का दुरूपयोग, भ्रष्टाचार एवं अकर्मणयता के मामले में दोषी पाए गए 25 लोकसेवकों के खिलाफ कार्यवाही की जा चुकी है| महत्वपूर्ण प्रकृति के मामलों की पत्रावलियों के रख-रखाव में भी लापरवाही की गई| यह भी पाया गया कि जेडीए, नगर परिषद, नगरपालिका द्वारा भवन निर्माण की अनुमति दिए जाने से सम्बंधित नियमों में कई प्रकार की विसंगतिया है| जांच के निष्कर्ष के बाद भू-परिवर्तन में अनियमितता के 199 प्रकरणों में से 28 मामलों को निस्तारित किया गया है| 38 प्रकरणों में शर्तों की पालना करने में चूक होना पाया गया है| इसकी राशि की वसूली करवाकर नियमितीकरण करवाया गया| 133 प्रकरणों में अन्य वांछनीय  कार्रवाही की गई|

(साभार: दैनिक भास्कर में दिनांक:01 फ़रवरी,2018 को प्रकाशित खबर)