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शराब माफिया के विरुद्ध आम जन

आवासीय भूखंड संख्या बी-213,लक्ष्मीनारायणपुरी के मालिकाना हक को लेकर दो विवाद चल रहे स्थानीय न्यायालयों मे!! न्यायालयों मे प्रस्तुत वादों के अनुसार जमीन पर तीन पार्टिया जता रही अपना हक!!मौके पर यथास्थिति के आदेश!!लेकिन इसके बावजूद स्टेशुदा जमीन पर एक पार्टी विशेष के कब्जे पर मोहर लगाते हुए,स्वीकृत कर दी गई शराब की दुकान!!

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आबकारी विभाग,जयपुर शहर द्वारा भूखंड संख्या बी-213 लक्ष्मी नारायणपुरी,दिल्ली बाईपास पर लाईसेंसी प्रतीक चौधरी को स्वीकृत की गई कम्पोजिट शराब की दुकान का मामला!!

इस पूरे प्रकरण मे दो सालों से दो मामले दो न्यायालयों मे लंबित है और यथास्थिति के आदेश चलते आ रहे है,लेकिन आबकारी विभाग द्वारा एक पार्टी विशेष के कब्जे पर मोहर लगाते हुए,दुकान की लोकेशन स्वीकृत कर दी गई|यदि यह माना जाए कि संबंधित लाईसेंसी द्वारा ईमानदार आबकारी अधिकारियों को अंधेरे मे रख यह सारा कांड करवा दिया गया हो तो यह बात सिरे से गले नहीं उतरती क्यूंकि परिवादी  द्वारा समय रहते ईमानदार और जिम्मेदार आबकारी अधिकारियों को इस पूरे मामले से अवगत करवा दिया गया था|ऐसे मे जिम्मेदार अधिकारियों की नियत और ईमानदारी पर सवालिया निशान खड़े होना स्वाभाविक है|

इस पूरे मामले मे यह तो तय है कि संबंधित आबकारी अधिकारियों द्वारा जानते-बुझते जिंदा मक्खी निगली गई है और शराब ठेकेदार विशेष को लाभ पहुचाने की नियत से माननीय न्यायालय के आदेशों की अवमानना की गई है|इस मामले मे परिवादी द्वारा भी आबकारी विभाग को कानून के कटघरे मे खड़ा करने की तैयारी की जा रही है|पूर्व मे भी जयपुर की एक आबकारी निरीक्षक को स्टेशुदा जमीन पर दुकान लगाने की अनुशंसा के चलते बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है,देखना यह है कि कोर्ट,सरकार और विभाग के आला अधिकारियों के संज्ञान मे आने के बाद इस प्रकरण मे  किन किन दोषी अधिकारियों पर गाज गिरती है|

 

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