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माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश

चारधाम प्रोजेक्ट को मंजूरी देने वाले एनजीटी के आदेश पर रोक क्यों न लगाएं

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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार से पूछा कि महत्वाकांक्षी चारधाम प्रोजेक्ट को मंजूरी देने संबंधी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर रोक क्यों नहीं लगानी चाहिए?केंद्र को दो सप्ताह के भीतर जवाब देना होगा|इस प्रोजेक्ट के तहत उतराखंड के चार पवित्र स्थानों यमुनोत्री,गंगोत्री,केदारनाथ और बद्रीनाथ को हर मौसम में जोड़े रखने वाली सड़कों का निर्माण किया जाना है|एनजीओ सिटीजंस फॉर ग्रीन दून की ओर से एडवोकेट संजय पारेख ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को मंजूरी देते हुए एनजीटी ने इसकी निगरानी के लिए एक कमेटी गठित की है|इस पर कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता कमेटी के सामने अपनी शर्त रखे|इस पर पारेख ने कहा कि यदि यह प्रोजेक्ट चलने दिया तो इससे इकोलोजी को बहुत ज्यादा नुकसान के बराबर होगा|

उन्होने कहा कि केंद्र सरकार 900 किलोमीटर लंबे प्रोजेक्ट का निर्माण टुकड़ों में कर रही है,ताकि जरूरी पर्यावरणीय मंजूरी से बच सके|उतराखंड में पहाड़ बहुत कमजोर है|पर्यावरण का पहलू ध्यान में नहीं रखा तो 2013 में हुई केदारनाथ त्रासदी कभी भी दोहराई जा सकती है|बेंच ने कहा कि केंद्र का पक्ष जाने बिना हम इस पर रोक नहीं लगा सकते|इसके बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर दिया|उल्लेखनीय है कि एनजीटी ने 26 सितंबर को इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है|