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लोकयुक्त और भ्रष्टाचार के प्रकरण

देश में 12 माह में 27% लोगों को देनी पड़ी रिश्वत,13 राज्यों में दी 2800 करोड़ की घूस;बिहार से ज्यादा भ्रष्ट तमिलनाडु व कर्नाटक

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देश में आधार कार्ड,वोटर आईडी,ड्राइविंग लाइसेंस जैसी सरकारी सुविधाओं को पाने के लिए पिछले 12 महीनों में 27% लोगों को रिश्वत देनी पड़ी है|हालात यह है कि देश के महज 13 राज्यों में 11 सरकारी सेवाओं को हासिल करने के लिए लोगों को करीब 2800 करोड़ रूपए की घूस देनी पड़ी|इसमें अदालत में पसंद की तारीख पाने,पानी-बिजली का कनेक्शन लेने,ट्रैफिक रूल्स तोड़ने पर चालान से बचने।एफआईआर लिखवाने,जमीन-जायदाद के कागजात की कॉपी लेने और बैंक से लोन जैसे कामों के लिए घूस देनी पड़ी|यह खुलासा सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज़ की शुक्रवार को जारी 12वीं रिपोर्ट में हुआ है|इस साल फरवरी-मार्च में देश के 13 राज्यों में किए गए अध्ययन में 75% लोगों ने कहा कि देश में पिछले साल की तुलना में भ्रष्टाचार बढ़ा है या जस का तस है|हालांकि नागरिक सक्रियता,आरटीआई,ऑनलाइन सुविधाओं और सोशल मीडिया के असर से 2005 की तुलना में 2018 में भ्रष्टाचार करीब 50% तक घटा है|2005 में विभिन्न सेवाओं के लिए करीब 52% लोगों को घूस देनी पड़ी थी|

मौजूदा रिपोर्ट में दिल्ली,पंजाब,उतरप्रदेश,बिहार,मध्यप्रदेश,राजस्थान,गुजरात,महाराष्ट्र,पश्चिम बंगाल,तमिलनाडु,आंध्रप्रदेश,तेलंगाना और कर्नाटक में सर्वे किया गया|इस दौरान राशन,पानी,बिजली,अस्पताल,स्कूल,बैंक सेवा,पुलिस,परिवहन,न्यायालय,राजस्व विभाग और मनरेगा जैसी सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार का अध्ययन किया गया है|