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पालड़ी ग्राम पंचायत में गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप

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पहली बारिश ही नहीं झेल पाई घटिया निर्माण द्वारा बनाई गई लगाई गई फ़र्शी एवं  बनाई दीवार !
सरकार भले ही भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए कितने ही दावे कर ले लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों मे सरपंच एवं ठेकेदारों द्वारा कराए जा रहे महा नरेगा के तहत कार्यों अफ़सरो की मिलीभगत के कारण  कार्य की गुणवत्ता पर  ग्रामीण सवाल उठा रहे हैं ,ऐसा ही मामला  आसींद उपखंड क्षेत्र के  पालडी ग्राम पंचायत में देखने को मिला।

पालडी ग्राम के ही धोली रोड पर बने तालाब पर  इसी वर्ष  2018 में  महा नरेगा के तहत करवाएं उन 49 लाख 47 हजार की लागत  करवाए गए पक्के निर्माण कार्य में कार्य की गुणवत्ता अच्छी नहीं होने के कारण पहली  ही बारिश में  घाट पर लगाई टाइल्स  फ़र्शी एवं बनाई गई दीवार जगह-जगह से दरारे आ गई है .
अब हालात यह है कि किसी भी वक्त यह दीवार गिर सकती हैं  और एक जानलेवा हादसा होने से इनकार नहीं किया जा सकता .
जब इस संबंध में स्थानीय सरपंच प्रतिनिधि  ईश्वर लाल खटीक एवं पंचायत सचिव रणजीत नावरिया से  बात की गई तो  अजीब व चौकाने वाले तर्क देकर भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की कोशिश की गई .
ग्राम वासियों ने उठाए कार्य की गुणवत्ता पर सवाल !
पालडी  ग्राम में मोतीपुर रोड पर बने तालाब पर ग्राम पंचायत द्वारा 49लाख 47 हजार की लागत से सार्वजनिक घाट चबूतरा निर्माण  वह पौधा रोपण पर  राशि स्वीकृत हुई .वर्ष 2017 – 18 के अंतर्गत कार्य करवाया गया अभी तक के निर्माण को मात्र 4 माह का ही अंतराल हुआ और पहली बारिश में सार्वजनिक घाट पर लगी फ़र्शी जगह-जगह से उखड़ गई ,रेत एवं सीमेंट की जगह केवल मिट्टी ही डाली गई.सभी मिट्टी पहली ही बारिश में बहकर बाहर आ गई इसी योजना के अंतर्गत बनी दीवार में भी जगह-जगह दरारें आ गई ,जिस पर ग्राम के युवाओं ने जमकर ग्राम पंचायत के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया  .
अधूरा लगाया सूचना-पट्ट !
तालाब पर  लगाया गया नागरिक सूचना पट्ट पर भी अधूरी सूचनाएं दर्शाई गई ,जिसमें स्वीकृत राशि श्रम की  दर्शाई गई
लेकिन खर्च  राशि का विवरण नहीं दिया गया। कार्य प्रारंभ की दिनांक एवं कार्य समाप्त होने कि दिनांक स्वीकृत मानव दिवस की सूचनाएं नहीं दर्शाई गई .जिसके कारण भी यह मनरेगा के अंतर्गत कीये कार्य संदेह के घेरे में है.
फ़र्श् के नीचे सीमेंट की जगह मिले मिट्टी के कण  !
तालाब के घाट पर जिस जगह कोटा स्टोन फ़र्शी  एवं टाइल्स लगवाई गई घटिया निर्माण सामग्री काम में लेने के कारण कहीं जगह सभी टाइल्स बैठ गई और सीमेंट की जगह मिटटी कार्य में ली गई जो पहली ही बारिश में निकल कर बाहर आ गई.
ग्रामीणों ने विकास कार्य के लिए चुनी  निर्विरोध महिला सरपंच !
पालदी ग्राम पंचायत में सरपंच पद पर अनुसूचित जाति महिला वर्ग के लिए सीट थी,तो ग्रामीणों ने विकास कार्य करवाने के लिए चंद्र शोभा खटीक को निर्विरोध चुना .लेकिन नरेगा कार्यों में गपले के कारण समस्त ग्रामवासी अब ठगा महसूस कर रहे हैं .सरपंच पति की दबंगता के चलते ग्रामीणों में रहता है भय का माहौल।महिला सरपंच चंद्र शोभा खटीक का पति ईश्वर खटीक जो आसींद में वकालात का कार्य करते हैं इसके कारण ग्रामीण सरपंच प्रतिनिधि की दबंगता के कारण ग्रामीण शिकायत करने से भी कतराते हैं .
दीवार में दरार आने से हर समय हादसे का अंदेशा !
इसी तालाब पर बनाई गई पक्की दीवार में जगह-जगह दरारें आ गई हैं इस में लगाए गए पत्थर भी यहां पहले से तालाब के अंदर लगे पत्थरों को ही उखाड़ कर दीवार के मैं चीनाइ कर दिया .जिसके कारण यह दीवार कभी भी गिर सकती हैं  मुख्य मार्ग पर होने के कारण इस तालाब पर लोगों का आवागमन बना रहता है
इनका कहना है –
वही इस मामले पर आसींद विकास अधिकारी अमित कुमार जैन का कहना है कि -“अगर नरेगा के पक्के निर्माण कार्य में घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया तो कमेटी द्वारा जांच करवा कर कार्यवाही करवाएंगे !”  सरपंच प्रतिनिधि ईश्वर लाल खटीक का कहना है कि- “अगर बारिश से फर्श पर टाइल्स उखड़ गई है तो वापस रिपेयरिंग करवा देंगे “.जब इस मामले सचिव रणजीत नावरिया से  पूछा गया तो  सचिव रणजीत नावरिया का कहना है कि- “तालाब मे घाट पर जो टाइल्स लगाई गई वह उसमें अच्छी गुणवत्ता से कार्य किया लेकिन  गांव के ही कुछ असामाजिक तत्वों ने  टाइल्स को तोड़ दिया ,विस्तृत जानकारी आप सरपंच प्रतिनिधि  से ही लें और जिन लोगों ने टाइल्स व दिवार को तोड़ा उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाएंगे “
वही  ग्रामीण  महावीर जाट ने कहा कि -” नरेगा के तहत तालाब पर करवाए गए कार्य में  अच्छी गुणवत्ता का  मटेरियल उपयोग में नहीं लिया गया.पूरी पंचायत में भ्रष्टाचार का बोलबाला है .कहीं लोगों के नरेगा में फर्जी नाम भी चला रखे हैं जो यहां के निवासी हैं लेकिन गुजरात में अपना छोटा मोटा व्यापार कर रहे हैं  ! इस प्रकार पूरे ग्राम पंचायत में जगह जगह भ्रष्टाचार फैला हुआ है। हमने  मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर भी शिकायत दर्ज करवाई लेकिन अभी तक कार्यवाही नहीं हुई.