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लोकयुक्त और भ्रष्टाचार के प्रकरण

लोकायुक्त की तीन रिपोर्ट दबाए बैठी सरकार

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राज्य सरकार लोकायुक्त के दो साल की वार्षिक रिपोर्ट और जस्टिस एन एन माथुर आयोग से प्राप्त मामलों की जांच की रिपोर्ट दबाए बैठी है| लोकायुक्त की ओर से एक रिपोर्ट तो मार्च 2017 में राज्यपाल को सौंपी और दो अन्य रिपोर्ट पिछले छह माह में दी गई है, लेकिन उनको अब तक विधानसभा में पेश नहीं किया गया है| इन रिपोर्ट के विधानसभा में पेश नहीं होने से राज्य के अधिकारियों और कर्मचारियों सहित अन्य लोकसेवकों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार और अनियमिताओं पर पर्दा पड़ा हुआ है|

मंगलवार को विधानसभा में पेश नहीं होने वाले प्रतिवेदनों की सूची में लोकायुक्त का वार्षिक प्रतिवेदन भी शामिल बताए जाने पर लोकायुक्त सचिवालय ने खुलासा किया है कि तीन रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी जा चुकी है, लेकिन अब तक विधानसभा में पेश नहीं की गई है| इन रिपोर्ट्स को राज्य सरकार को कार्रवाई रिपोर्ट के साथ विधानसभा में पेश करना होता है| लोकायुक्त ने उनके वार्षिक प्रतिवेदन लंबित होने के बारे में विधानसभा में सामने आई जानकारी को गलत बताया है|

(साभार: राजस्थान पत्रिका में दिनांक:01 मार्च,2018 को प्रकाशित खबर)