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मिशन मास्टर प्लान

बिना भूखंड का पुनर्विभाजन करवाए,बिना सेटबेक नियमों की पालना के आवासीय भूखंड संख्या 54-55 महाराणा प्रताप नगर पर बन रहे तीन अवैध मकानों का मामला!!विद्याधर नगर जोन के JEN ने महज काम बंद करवाकर,नोटिस देकर मामले मे की इतिश्री!

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जैसा कि आपको बताया गया था कि नगर निगम ग्रेटर के विद्याधर नगर जोन मे स्थित 408.39  वर्ग गज के आवासीय भूखंड संख्या 54-55 महाराणा प्रताप नगर पर स्थानीय बिल्डर बिना पुनर्विभाजन करवाए,बिना सेटबेक नियमों की पालना करे,तीन-तीन स्वतंत्र आवास/वीला बनाए जा रहे है,जो कि भवन विनियमों के अनुसार अवैध है|इस प्रकरण के पिछले अंक मे यह सवाल खड़े किए गए थे कि यह भूखंड 408.39 वर्ग गज का है या फिर महज 354 वर्ग गज का?यदि वाकई मे मौके पर 408 वर्ग गज की जगह 354 वर्ग गज मौजूद है तो ऐसे मे इस भूखंड का पुनर्विभाजन कैसे हो सकता है और कैसे सेटबेक नियमों की पालना की जा सकती है?इसी के साथ इस बात का भी खुलासा किया गया था कि भवन विनियमों के अनुसार भूखंड के नाप मे फेर-बदल होने पर नियमानुसार संशोधन की प्रक्रिया करवानी पड़ती है,जो कि इस भूखंड के मामले मे,अब तक नहीं अपनाई गई है|

हमारे द्वारा यह मामला विद्याधर नगर जोन के संज्ञान मे लाने पर पहले तो लंबे समय तक कोई कार्यवाही नहीं कर,बिल्डिंग को खड़े होने दिया गया और जब बिल्डर द्वारा मौके पर तीनों मकानों का तीन फ्लोर तक ढांचा खड़ा कर दिया गया,तब जाकर यह जवाब देकर मामले मे इतिश्री कर ली गई कि मौके पर “काम बंद करवाकर,नोटिस जारी किया गया”,इस मामले मे जब जोन के JEN से नोटिस की कॉपी मांगी गए तो वह नोटिस देने की बजाय टालमटोल कर गए|इस मामले मे हो रही बिल्डर की मनमानी से तो यही लग रहा है कि मानो राज्य मे भवन विनियम जैसी कोई चीज है ही नहीं और राज्य मे “राइट टू कंस्ट्रक्शन”लागू है|

 

 

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