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मिशन मास्टर प्लान

जेडीए के पीआरएन नॉर्थ फर्स्ट जोन स्थित पुनर्विभाजित भूखंड संख्या सी-29,30,31,32,टी.सी.नगर पर बिना सेटबेक छोड़े, बिना पार्किंग सुविधा के बन रहे छह डूप्लेक्स मकानों का मामला!!

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आपको बता दें कि जेडीए के रिकॉर्ड के अनुसार,जेडीए के पीआरएन नॉर्थ सेकंड जोन मे स्थित 400,439,382,400 वर्ग गज के 4 भूखंडों क्रमश: सी-29,30,31,32 टी.सी. नगर पर बिल्डर फर्म MJJ Builders LLP द्वारा सब डिवीजन करवाकर,6 डूप्लेक्स मकानों का निर्माण करवाया जा रहा है|चूंकि बिल्डर द्वारा इन चारों भूखंडों पर बनने वाले डूप्लेक्स मकानों को सवा-करोड़,डेढ़ करोड़ मे बेच रहा है,इसलिए इतने महंगे मकानों का उसे किसी विवाद से बचने के लिए सब डिवीजन करवाना पड़ा|लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि बिल्डर द्वारा इस सब डिवीजन की आड़ मे बिना सेटबेक छोड़े,बिना पार्किंग व्यवस्था के इन छह डूप्लेक्स मकानों का निर्माण करवाया जा रहा है|जबकि मूल भूखंडों के सेटबेक मे इन सभी भूखंडों के दो तरफ 15-15 फीट सेटबेक के तौर पर छोड़ना अनिवार्य था|आपको बता दें कि भवन विनियमों के अनुसार किसी भी भूखंड का सब डिवीजन करवाने पर मूल भूखंड के सेटबेक प्रभावी रहते है|ऐसे मे इन भूखंडों पर बिना सेटबेक छोड़े बनाए गए भवनों को अवैध माना जाएगा|जिस पर कार्यवाही करना JDA अधिकारियों की महती जिम्मेदारी है|

लेकिन इस मामले मे हो रही बिल्डर की मनमानी से तो यही लग रहा है कि मानो राज्य मे भवन विनियम जैसी कोई चीज है ही नहीं और राज्य मे “राइट टू कंस्ट्रक्शन”लागू है यानि की कोई भी अपने प्लॉट पर मनमर्जी का निर्माण करे,आपको कोई नहीं रोकेगा|स्थानीय निकायों मे आ रही अवैध निर्माणों की बाढ़ से तो शायद यही लगता है|यदि जिम्मेदार अधिकारी किसी अवैध निर्माण/अतिक्रमण पर कार्यवाही नहीं करना चाहते या फिर अपनी कर्तव्यों के निर्वहन मे सक्षम नहीं है तो क्यूँ नहीं सरकार को लिख कर दे देते कि राज्य मे “राइट टू कंस्ट्रक्शन”लागू किया जाए ताकि सरकार महज अवैध निर्माण की स्थिति मे जुर्माना कर और उसे वसूल कर निर्माण को वेध करार दे देवे,जिससे एक तरफ तो राज्य को अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति हो और दूसरी तरफ अवैध निर्माण/अतिक्रमणों को हटाने मे लगने वाले सरकारी मशीनरी और तामझाम पर होने वाले करोड़ों रुपयों को भी  बचाया जा सके और JDA द्वारा पुलिस विभाग से प्रतिनियुक्ति लाए गए भारी भरकम पुलिस जाप्ते को यहाँ से हटाकर पुनः कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालने मे लगाया जा सके|

 

 

 

 

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